Principals Message

Principal Message

महाविद्यालय परिवार जामुल ( भिलाई) की ओर से सादर अभिनंदन!!

                        छत्तीसगढ़ राज्य/अंचल को सीमेंट उत्पादक के रुप में पहचान दिलाने वाली नगरी जामुल के अंक में हमारा  महाविद्यालय बसा हुआ है। उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने जून 2018 को शासकीय नवीन महाविद्यालय के रुप में इस क्षेत्र के युवाओं को बड़ी सौगात दी। हालांकि यह महाविद्यालय नगरी निकाय जामुल में स्थित है तथापि यहां अध्ययनरत अधिकांश छात्र छात्राएं नगरी निकाय से लगे हुए ग्रामीण अंचल से हैं। इस अंचल के होनहार युवाओं उच्च शिक्षा हेतु अब कहीं भटकना नहीं पड़ता। अब इस महाविद्यालय के जरिए 12वीं उत्तीर्ण छात्र छात्राएं सुगमता से स्नातक की पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। हमारे महाविद्यालय में कला, वाणिज्य तथा विज्ञान संकाय के तहत B .A.,B.Com. . तथा B.Sc (गणित समूह तथा जीवविज्ञान समूह)  के डिग्री कोर्स संचालित है। ये सभी छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मान्यता प्राप्त त्रि वर्षीय डिग्री कोर्स हैं। स्नातक के प्रत्येक वर्ष की कक्षाओं हेतु 90_ 90 सीट आबंटित हैं।

 हमारा महाविद्यालय अभी अपने शैशव अवस्था से गुजर रहा है। अपने स्थापना के द्वितीय वर्ष सत्र _2019_20 में ही छत्तीसगढ़ शासन ने इसका नामकरण प्रख्यात क्षेत्रीय समाजसेवी, साहित्यकार और राजनेता स्वर्गीय डॉक्टर मनराखनलाल साहू जी के पुण्य स्मृति में किया गया है। अब यह महाविद्यालय डॉक्टर मनराखन लाल शासकीय महाविद्यालय जामुल ( भिलाई) के नाम से जाना पहचाना जाता है। जन मानस में शासकीय महाविद्यालय जामुल ( गवर्मेंट कॉलेज जामुल) के नाम से प्रसिद्ध है। वर्तमान में महाविद्यालय का संचालन नगर पालिका परिषद जामुल के वार्ड क्रमांक 18, सरडुंग के शास. उमा. विद्यालय के पुराने शाला भवन में रहा है। हम इस सीमित संसाधन एवं अपर्याप्त अधोसंरचना के मध्य अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए लगातार प्रयासरत हैं। प्रयासों के इसी क्रम के चलते हमने शासन से 2एफ संबद्धता प्राप्त कर लिया है। छात्र छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु एवं उन्हें सीधे सीधे सामाजिक सरोकार से जुड़ने में मदद करने हेतु राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), रेड क्रॉस सोसायट तथा, रेड रिबन क्लब की इकाइयां गठित की गई हैं। इसके अलावा इको क्लब, स्पोर्ट क्लब,छात्रसंघ, विमेन सेल /महिला प्रकोष्ठ आदि समितियों के माध्यम विविध सहशैक्षनिक  तथा जनजागरुकता संबंधी गतिविधियों का संचालन नियमित रूप किया जा रहा है। शासन द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग , अल्प संख्यक समुदाय तथा आर्थिक रुप से पिछड़े समुदाय को प्रोत्साहित करने हेतु  दी जाने वाली छात्रवृत्तियों का लाभ  यहां अध्ययनरत समस्त पात्र छात्र छात्राओं को प्रतिवर्ष मिलता है।इस तरह महाविद्यालय अपनी शैक्षणिक जिम्मेदारियों के साथ साथ सामाजिक दायित्वों   का निर्वहन सफलता पूर्वक करते आ रहा है। अपने स्थापना के तीन वर्ष पूरा करते ही सत्र 2020_21व 21_22  में क्रमशः स्नातक उपाधि/डिग्री के प्रथम और द्वितीय बैच का सफलता पूर्वक निष्पादन कर चुके हैं। महाविद्यालय के सर्वांगीण विकास में जनसमुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु सत्र 2019_20 से ही जनभागीदारी समिति का गठन कर लिया गया है।

महाविद्यालय के अधोसंरचना निर्माण हेतु शासन द्वारा लगभग 24 एकड़ का भूखण्ड आबंटित किया गया है। इस आबंटित भूखण्ड पर लोक निर्माण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा महाविद्यालय के नवीन भवन का निर्माण त्वरित गति से किया जा रहा है। आगामी शैक्षणिक सत्र 2022_23 के पहले ही भवन निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना है। अंचल के युवाओं को बीएससी बायोलॉजी तथा स्नातकोत्तर की पढ़ाई के अभी दूरस्थ क्षेत्रों के महाविद्यालय में जाना पड़ता है। अतः नव निर्मित महाविद्यालय भवन में प्रवेश करते ही स्नातक स्तर पर बीएससी बायोलॉजी तथा स्नातकोत्तर स्तर पर एम. ए. और एम. कॉम. की कक्षाएं यथाशीघ्र संचालित हो सके इसलिए अभी से आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं।  महाविद्यालय अपने लक्ष्य/प्रेरणा वाक्य "उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्नि _बोधत"( उठो जागो, रूको मत जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो) को अपने कार्यशैली से चरितार्थ करने का भरसक प्रयास कर रहा है और सदैव करता रहेगा। शासन, प्रशासन व अंचल के जागरूक जनसमुदाय के सहयोग तथा समन्वय से हम अपनी संस्था  डॉ . मनराखनलाल साहू शासकीय महाविद्यालय  जामुल को शैक्षणिक क्षेत्र की  नई बुलंदियों की ओर अग्रेषित करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।


Dr Rama Shankar Singh
 Principal 
(Dr. Manrakhan Lal Sahu Govt. College Jamul, Durg, C.G.,)